* दवा पिला दी गयी हजारों बच्चों को
बरेली- उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अवमानक स्तरीय दवाओं का वितरण हो रहा है। मरीजों को निःशुल्क दी जाने वाली दवाएं बिना गुणवत्ता जांच किए मरीजों को वितरित की जा रही हैं। सितम्बर महीने में वेयर हाऊस सैन्टर से आयरन एण्ड फोलिक एसिड सिरप का सैम्पल लिया गया था। इस दवा का सैम्पल गुणवत्ता जांच में फेल निकला है। वेयर हाऊस सैन्टर से जिला अस्पताल तथा जिले के सभी प्राथमिक/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दवाओं की आपूर्ति की जाती है। मानकों पर खरी न निकलने वाली उक्त आयरन एण्ड फोलिक एसिड नामक दवा को एनीमिया से पीड़ित हजारों बच्चों को पिला दिया गया है। अब पता चला है कि जिस दवा को पिलाया गया वह तो घटिया गुणवत्ता की है। अधिकारियों का कहना है कि कम्पनी को नोटिस भेजा गया है। कम्पनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ज्ञात रहे कि इससे पहले एण्टी मलेरियल दवा भी गुणवत्ता जांच में फेल हो गयी थी। इसी प्रकार अक्टूबर माह में खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा फतेहगंज पूर्वी के एक मैडीकल स्टोर से इमफिक्स-200 नामक एण्टी-बॉयोटिक टेबलेट का नमूना लिया गया था। यह दवा भी प्रयोगशाला की जांच में गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरी है। विभाग द्वारा इसकी बिक्री पर रोक लगायी गयी है। इमफिक्स-200 नामक इस दवा की निर्माता कम्पनी हिमाचल प्रदेश की है इस नमूने का बैच नं. एसएसबी-2605 है। कम्पनी को विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी का जबाब आने के बाद आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी। औषधि निरीक्षक विवेक कुमार ने कहा कि कई दवाओं का सैम्पल लिया गया था जिनकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि वह मानकों के मुताबिक नहीं है। दवाओं की बिक्री पर रोक लाग दी गयी है। इसके साथ-साथ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

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