मुम्बई- महाराष्ट्र में खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने थोक व खुदरा बिक्री के लिए नए लाईसेंस जारी करने के मामले में व्यापारिक स्थल का निरीक्षण राज्य में असिस्टेन्ट ड्रग कमिश्नर ;एडीसीद्ध को करने के निर्देश दिए हैं। थोक तथा खुदरा बिक्री के लिए प्रारूप 20 तथा 21, प्रारूप 20 बी तथा 21 बी में जारी होने वाले नए लाईसेंस के मामले में इससे पहले व्यपारिक स्थल का निरीक्षण औषधि निरीक्षकों द्वारा किया जाता था। मौजूदा खुदरा थोक दवा विक्रेताओं से बेहतर अनुपालनाएं करवाने के लिए उनके परिसरों का निरीक्षण करवाने के लिए औषधि निरीक्षकों के मानवश्रम का बेहतर उपयोग करने के लिए एफडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने यह फैसला किया है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली-1945 के अध्याय 51 के अनुसार यह प्राधिकृत कि गए निरीक्षक का कर्तव्य है कि वह दवाओं की बिक्री के लिए लाईसेंस प्राप्त किए हुए परिसरों का निरीक्षण करें। जिस क्षेत्र का प्राधिकार उन्हें दिया गया है उस में दवाओं की बिक्री करने वाले व्यापारिक संस्थानों का साल में कम से कम एक बार निरीक्षण करें, लाईसेंस की शर्तों की अनुपालनाओं के प्रति स्वयं संतुष्ट हों, अधिनियम या नियमावली के तहत बनाए गए प्रावधानों के विपरीत यदि बिक्री, प्रदर्शन या स्टॉक में दवा रखी हो, जिस पर सन्देह हों। जांच या विश्लेषण के लिए नमूने ले और भेजें, यदि आवश्यक हो इसके अलावा यदि उन्हें कोई लिखित में शिकायत मिलती है तो वह उसकी जांच-पड़ताल करें, अधिनियम तथा नियमावली की अवहेलनाओं पर अभियोग दर्ज करवाएं, सभी निरीक्षणों का रिकार्ड बनाए, कितने सैम्पल लिए गए, कितना स्टॉक सीज किया गया, कर्तव्य पालना में उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गयी आदि सभी का रिकार्ड बनाए तथा इसकी एक प्रति नियंत्रण प्राधिकारी के पास दाखिल करें। औषधि निरीक्षकों के उक्त दायित्वों को देख कर नए थोक व खुदरा बिक्री लाइसेंस जारी करने के लिए एडीसी को व्यापारिक स्थल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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