* बिक्री लाईसेंस के लिए केरल डीसीए के पास आवेदन करने और पूर्व में स्वीकृत लाईसेंस कम्पनी के अनुरोध पर निरस्त होने का दावा

चैन्नई- ऑनलाईन फार्मेसी चेन मेडलाइफ इन्टरनैशनल प्रा. लि., केरल में जिसके लाईसेंस हाल ही में नियामकीय प्राधिकारी द्वारा निरस्त किए गए हैं, ने दावा किया है कि कम्पनी का लाईसेंस कम्पनी का नाम बदलने के लिए कम्पनी के अनुरोध पर निरस्त किया गया है न कि व्यवसाय में कोई अनैतिक अभ्यास पाए जाने पर निरस्त किया गया है। बैगलुरू मुख्यालय वाली इस कम्पनी की मुख्य विपणन अधिकारी मीरा अय्यर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने कम्पनी के बदले हुए नाम मेडलाइफ वैलनेस प्रा. लि. के लिए लाईसेंस पुनः जारी करने के लिए केरल में औषधि नियंत्रक के कार्यालय में आवेदन किया है। लाईसेंस प्राप्त होते ही कम्पनी कोचि केन्द्र से प्रेस्क्रिप्शन वाली दवाओं का अपना ऑनलाईन व्यवसाय पुनः शुरू करेगी। अय्यर ने कहा कि सभी डिलिवरीज केवल वैध प्रेस्क्रिशन पर की जाएंगी। मीडिया को भेजे ई-मेल में उन्होंने कहा कि हम लाईसेंस के सही नाम से पुनः जारी होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम्पनी द्वारा देश भर में 40 केन्द्रों से दवाओं का ऑनलाईन व्यवसाय संचालित किया जा रहा है और वह समाज को बड़ी सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं। जब से उन्होंने उपभोक्ताओं को प्रत्येक ऑर्डर पर 20 प्रतिशत छूट देना शुरू किया है तब से ऑॅफ लाईन दवा विक्रेता उनके व्यवासाय का विरोध कर रहे हैं और इसे बन्द करवाने का प्रयास कर रहे हैं। बैंगलोर से दूरभाष पर बात करते हुए उन्होंने मीडिया को बताया कि मेडलाइफ का बिक्री लाईसेंस कोचि में सहायक औषधि नियंत्रक के कार्यालय द्वारा निरस्त किया गया है क्योंकि कम्पनी ने नाम बदले जाने का अनुरोध किया था। मीरा अय्यर ने कहा कि मेडलाइफ पिछले पांच वर्षों से ऑनलाईन दवाओं का व्यवसाय कर रही है और यह सब औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों का पूर्णतः पालन करते हुए किया जा रहा है। हम पूर्णतया औषधि कानूनों का पालन करते हैं। आवश्यकता वाले मरीजों को छूट की दरों पर गुणवतापूर्ण दवाएं उपलब्ध करवाते हैं। उन में से अनेक ऐसे होते हैं जो यात्रा नहीं कर सकते या आ जा नहीं सकते या कुछ दवाएं उनके क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होती है। भारत सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाईन बिक्री गैर अनुमोदित नहीं है। यह ऑफलाईन कमिस्ट समुदाय है जो ऑनलाईन फार्मेसी को अवैध कहता है। जब उन से पूछा गया कि क्या केरल में लगातार या पुनः ऑनलाईन बिक्री प्रारम्भ करने की उनकी योजना है तो उन्होंने कहा अवश्य हम करेंगे परन्तु हम केवल वैध प्रेस्क्रिप्शन पर ही दवाओं की आपूर्ति करेंगें। रजिस्टर्ड मैडीकल प्रैक्टिशनर्स की प्रेस्क्रिप्शन के बिना हम कोई दवा नहीं देंगे। इसी प्रकार हम शिडयूल एक्स की दवाओं के ऑर्डर को रिफ्यूज कर देंगे। हालांकि तिरूवन्तापुरम स्थित औषधि नियंत्रक के कार्यालय में सम्पर्क कर पूछा गया तो औषधि नियंत्रक रवि मेनन ने कहा कि उनके कार्यालय को मैडलाइफ इन्टरनैशनल या मैडलाइफ वैलनेस के नाम से अब तक कोई आवेदन नहीं मिला है। कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही के सम्बन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने मामले को और तूल न देते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इरनाकुल्लम स्थित एडीसी कार्यालय ने भी कम्पनी की ओर से बदले हुए नाम के साथ किसी प्रकार का आवेदन मिलने से इंकार किया है। कम्पनी के स्टोर में रखी दवाएं किसी नए लाईसेंसधारक को हस्तांतरित करवाए जाने के लिए विभाग कदम उठा रहा है।

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