ड्रग डिपार्टमैन्ट में झूठ का बोलबाला

डोनेट ब्लड के सौदों, अनियमितताओं के बीच ड्रग विभाग में अब झूठ का जखीरा पकड़ा गया है। झुंझुनूं के अधिकारियों की रिपोर्ट ने विभाग के उच्चाधिकारियों के झूठ से पर्दा हटा दिया है। उच्चाधिकारियों ने सरकार से कहा था- 16 मई को जयपुर की चित्रकूट पुलिस की ओर से पकड़ा गया 100 यूनिट ब्लड यूपी नहीं, वापस झुंझुनूं के श्री आरएलजेटी ब्लड बैंक को भेज दिया गया था।

जबकि झुंझुनूं के एडीसी की दूसरी रिपोर्ट में उससे भी बड़ा घपला पाया गया। रिपोर्ट की मानें तो पकड़े गए ब्लड को श्री आरएलजेटी ब्लड बैंक से 80 यूनिट के साथ फिर से यूपी को बेच दिया गया। चौंकाने वाली बात यह भी है कि जयपुर पुलिस ने 100 यूनिट ब्लड ड्रग डिपार्टमेंट के सुपुर्द किया था।

झुंझुनू एडीसी की दूसरी रिपोर्ट में भी खून का अवैध बेचान पाया, 5 अनसुलझे सवाल जो जवाब मांगते हैं।

1. ड्रग विभाग ने सरकार को दिए जवाब में पकड़ा गया 100 यूनिट ब्लड वापस श्री आरएलजेटी ब्लड बैंक को भेजना बताया। सवाल- आखिर विभाग ने सरकार से झूठ क्यों बोला?

2. श्री आरएलजेटी में 1 जनवरी से लगे शिविरों से 2500 यूनिट ब्लड आया। इसमें 1700 यूनिट यूपी के फिरोजाबाद, उन्नाव, कानपुर, इटावा में बेचा गया। हर बार यूपी ही क्यों बेचा गया ?

3. जांच में सामने आया कि शिविरों में कभी मेडिकल ऑफिसर मौजूद नहीं थे। यूपी भेजे ब्लड की रिपोर्ट पर किसी के हस्ताक्षर ही नहीं थे। अप्रूव्ड टेक्निकल स्टाफ नहीं मिला।

4. 16 मई को पकड़ा गया ब्लड यूपी के जिस लक्ष्मी ब्लड बैंक को भेजने की बात कही गयी, उसने उस रात 11:50 बजे तक डिमांड ही नहीं भेजी थी। कार्रवाई होते ही डिमांड क्यों ?

5. यूपी भेजा गया ब्लड कौन लेने आया, किस गाड़ी से भेजा, जानकारी ब्लड बैंक छिपा रहा है। ~50 हजार से अधिक का भुगतान बैंक से करने का नियम है, लेकिन यहां भुगतान कैश क्यों हुआ?

16 मई को झुंझुनू से आ रही ब्लड वैन जयपुर की चित्रकूट पुलिस ने पकड़ी थी। इसमें 100 यूनिट ब्लड मिलने पर ड्रग विभाग को बताया। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने डीसीओ को भेजा, लेकिन कागजात नहीं होने पर भी वैन को जाने दिया गया। मामला झुंझुनू क्षेत्र का था तो डीसी राजाराम ने क्षेत्र के सहायक औषधि नियंत्रक (एडीसी) देवेन्द्र गर्ग को जांच के लिए कहा।

गर्ग ने श्री आरएलजेटी ब्लड बैंक, रन बाय श्री राजस्थानी सेवा संघ, विद्या नगरी, चूरू-झुंझुनूं रोड की जांच कर रिपोर्ट दी- रक्तदान शिविर फर्जी था, 100 यूनिट ब्लड अवैध रूप से फिरोजाबाद जा रहा था। सरकार ने दोबारा जांच कराई।

एडीसी झुन्झुनूं देवेन्द्र र्ग का कहना है कि मैंने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दी है। आपको कुछ नहीं बता सकता। 

वहीं राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि

ब्लड बैंक के मामले जानकारी में आ चुके हैं। इन सभी की जांच होगी।

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