नयी दिल्ली- सैन्ट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (सीडीएससीओ) ने फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड अथोरिटी ऑफ इण्डिया (एफएसएसएआई) से अनुरोध किया है कि वह नियमों की अवहेलनाएं करते हुए थेराप्यूटिक उद्देश्य वाले मिथाइलकोबालामिन की बिक्री तथा निर्माण करने के प्रति गुजरात आधारित निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाही करे। एफएसएसएआई को लिखे गए एक पत्र में सीडीएससीओ ने ध्यान दिलाया है कि थेराप्यूटिक उद्देश्य वाले मिथाइलकोबालामिन घटक वाले उत्पादों के विभिन्न ब्रांडों का निर्माण व बिक्री एफएसएसएआई लाईसेंस के तहत किया जा रहा है। पत्र के अनुसार यहां यह उल्लेख करना उचित है कि विटामिन के केवल दो प्रकार, जिनका नाम सायनोकोबालामिन तथा हाइड्रॉक्सिकोबालामिन हैं, फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्डस ;हैल्थ सप्लीमेन्ट्स, न्यूट्रास्यूटिकल्स, फूड फॉर स्पेशल डायट्री यूज, फूड फॉर स्पेशल मैडीकल पर्पज, फंक्शनल फूड एण्ड नॉवेल फूड रेगूलेशन 2016द्ध एक्ट-2016 के अन्तर्गत आते हैं लेकिन मिथाइलकोबालामिन इसके अन्तर्गत नहीं आता है। इस दृष्टिकोण से यह आवश्यकता है कि औषधि निरीक्षकों तथा खाद्य निरीक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण संचालित करने के निर्देश दिए जाएं कि वह एफएसएसएआई लाइसेंस के अन्तर्गत मिथाइल कोबालामिनघटक तत्व से निर्मित तथा बिक्री किए जा रहे विभिन्न ब्रांडां के खिलाफ कार्यवाही करें। इसलिए दोषी पाए जाने वाले फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के खिलाफ एफएसएसएआई एक्ट-2006 तथा इसके अन्तर्गत बनाए गए विनियमों के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए। मिथाइलकोबालामिन को मीकोबालामिन या मिथाइल ठ12 के नाम से भी जाना जाता है। यह अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए मुख्य भूमिका निभाता है। यह केवल विटामिन ठ12 के प्रारूप में होता है जो बॉयो रूपान्तरण के बिना ब्लड ब्रेन बैरियर को क्रॉस कर सकता है। यह मिथाइल समूह सेरोटोनिन स्त्राव को उतेजित करता है जो कि एक न्यूरो ट्रांसमीटर है और यह मूड बनाने के लिए जिम्मेदार होता है तथा इक्साइटेटरी न्यूरो ट्रांसमीटर के खिलाफ दिमाग को डैमेज होने से बचाता है।

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