गोंडा- हालांकि सरकार द्वरा नौनिहालों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण पर करोड़ों रूपए फूंके जाते हैं, परन्तु कुछ लापरवाह स्वास्थ्यकर्मी अपनी कार्यशैली के चलते इनमें पलीता लगाने से नहीं चूकते। ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में सामने आया है। पोलियो से बचाने के लिए बच्चों को पोलियो का टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियांं को बकायदा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके बावजूद शहर के एक आंगन बाड़ी केन्द्र पर टीकाकरण के दौरान अवधिपार पोलियोरोधी वैक्सीन का प्रयोग किए जाने का मामला सामने आया है। नगरीय क्षेत्र में 06 नवम्बर को स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर अरूणा आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों का टीकाकरण करने के लिए सत्र आयोजित किया गया था। यहां बच्चों व गर्भवती महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने का टीका लगाया जा रहा था। जांच के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंची विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने देखा तो पाया कि बच्चों में जिस पोलियोरोधी वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा था वह अवधिपार थी। टीम द्वारा इसके प्रयोग पर रोक लगवादी गयी और अधिकारियों को स्थिति की जानकारी दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. देवराज ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, कितने बच्चों को इसकी डोज दी गयी है इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। वैसे इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन ;आईपीवीद्ध को खुलने के 28 दिन के अंदर उपयोग कर लिया जाना चाहिए। अलग-अलग उम्र में कई डोज दी जाती हैं। सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि मामला संज्ञान में है। ए एनएम गोल्डी सिंह व सुपरवाईजर प्रदीप कुमार शुक्ल से स्पष्टीकरण मांगा गया है। महिला अस्पताल के सीएमएस से कोल्डचेन प्वाइन्ट के सम्बन्ध में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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