उदयपुर – उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में दवाओं की आपूर्ति करने वाली फर्म सीडी डिस्ट्रीब्यूटर्स व उसके पार्टनर सुरेन्द्र गोदावत को अस्पताल को प्रस्तुत बिलों में हेर-फेर करने के दोष में अस्पताल प्रबन्धन द्वारा काली सूची में डाल दिया गया है। इसके साथ-साथ इस फर्म से खरीदी जाने वाली दवाओं तथा अन्य सामग्री के अनुबन्ध को भी निरस्त कर दिया गया है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि इस फर्म ने अस्पताल से अधिक पैसे वसूलने के फेर में दवाओं के खरीद बिलों में कई बार गड़बड़ी की है। नवजात बच्चों में खून का बहाव रोकने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले एण्टी थाइमोसाइट ग्लोबुलिन इंजेक्शन खरीदने की डिमांड हाल ही में फर्म से की गयी थी। इस पर फर्म द्वारा तीन किस्त में 57 इंजेक्शनों की सप्लाई दी गयी लेकिन इनके लिए बिल इम्यूनों ग्लोबुलिन का प्रस्तुत किया गया। एण्टी-थाइमोसाइट ग्लोबुलिन की खरीद के हिसाब से बिल लगभग तीन लाख रूपए का बनना था परन्तु इम्यूनो ग्लोबुलिन के नाम से बिल पांच लाख का बनाया गया। इसे लेकर कमेटी का गठन किया गया और जांच की गई तो पाया गया कि फर्म को अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया है, जिसकी वसूली के आदेश दिए गए। ऐसे कई अन्य मामले सामने आए हैं। अस्पताल के उप-अधीक्षक डॉ. रमेश जोशी ने बताया कि एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी के काम आने वाले पीटीसीए बैलून तथा पेन्टोप्राजोल व सिवोसल्प्राइड दवा के बलों में भी उक्त फर्म हेरा फेरी कर चुकी है। छह माह पहले दवा खरीदी की निविदा को लेकर फर्म के सांझेदार ने अस्पताल की आवक-जावक शाखा में जाकर अन्य फर्मों के लिफाफे फाड़ दिए थे तब आरोपी सुरेन्द्र गोदावत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवायी गयी थी। किडनी रोगियों के लिए घटिया कैथेटर की सप्लाई करने का मामला भी सामने आ चुका है। इन सब कारणों केा देखकर सीडी डिस्ट्रीब्यूटर्स व इसके पार्टनर को काली सूची में डाला गया है।

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