नयी दिल्ली- दवाओं की ऑनलाईन बिक्री करने वाले ई-फार्मेसी प्लेटफार्म अब अपने पास दवाएं स्टोर नहीं कर सकेंगे। ई-फार्मेसी प्लेटफार्म खुदरा या थोक दवा विक्रेताओं से टाई-अप करके दवाएं उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकेंगे। इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ई-फार्मेसी रेगूलेशन में बदलाव किया गया है। ऑनलाईन प्लेटफार्म अब केवल दवाओं का ऑर्डर बुक कर सकेंगें। दवाओं की डिलीवरी खुदरा या थोक विक्रेताओं के जरिए ही करनी पड़ेगी। ई-फार्मेसियों को उपभोक्ताओं की प्रेस्क्रिप्शन सुरक्षित रखनी होगी। पर्ची में डॉक्टर के बताए अनुसार ही दवा देनी होगी। यह भी स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रेस्क्रिप्शन के बिना एण्टी-बायोटिक दवाओें का ऑर्डर बुक नहीं किया जाएगा। सरकार पहली बार दवा विक्रेताओं को भी सीधे उपभोक्ता के घर जाकर दवा पहुंचाने का अधिकार दे रही है। इसे अभी तक गैर-कानूनी माना जाता था। वर्तमान में देश भर में लगभग 50 ई-फार्मेसी प्लेटफार्म संचालित हो रहे हैं जबकि दवा की लगभग 8 लाख खुदरा दुकाने संचालित हो रही हैं। सभी पक्षों से वार्ता कर स्वास्थ्य मंत्रलय ने उक्त निर्णय लिया है।