जयपुर- राजस्थान फार्मेसी कौंसिल ने फार्मासिस्टों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। राज्य भर के 46 हजार रिटेल ड्रग स्टोर पर कार्यरत फार्मासिस्टों को पहचान के लिए सफेद एप्रिन पहनना होगा जिस पर फार्मासिस्ट का नाम व रजिस्ट्रेशन नम्बर अंकित करवाना होगा, इसे अनिवार्य बनाया गया है। कौंसिल ने मरीजों की परेशानियों तथा गुड फार्मेसी प्रैक्टिस को देखते हुए चिकित्सा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, औषधि नियंत्रक राजस्थान तथा आरसीए व जयपुर केमिस्ट ऐसो. को इसमें सहयोग करने के लिए कहा है। दवा दुकानों पर दवाएं खरीदते समय उपभोक्ताओं को पता नहीं चलता है कि दुकान पर फार्मासिस्ट कौन सा है। दवा दुकानों पर अन्य कर्मचारी उपस्थित होते हैं, एसे में वह मरीजों से प्रेस्क्रिप्शन तो थाम लेते हैं परन्तु दवाओं के सम्बन्ध में जानकारी न होने के कारण मरीजों को दवा लेने का तरीका, समय, साइड इफैक्ट्स, दवा की अन्य दा से प्रतिक्रिया आदि की जानकारी नहीं दे पाते। कई बार अन्य कर्मचारी उपभोक्ता मरीजों को दवाओं की बिक्री तक कर देते हैं। ड्रेस कोड से मरीज आसानी से पहचान सकेंगें कि फार्मासिस्ट कौन है। फार्मेसी अधिनियम के तहत पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवाओं का वितरण, स्टोरेज कर सकता है। राजस्थान फार्मेसी कौंसिल के अध्यक्ष डॉ. ईश मुंजाल का कहना है कि मरीजों की सहूलियत के लिए फार्मासिस्टों के ड्रेस कोड के लिए एडवायजरी जारी की गयी है। सफेद एपिन पर नाम व रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखवाना होगा। कौंसिल के रजिस्ट्रार नवीन संघी का कहना है कि दवा दुकानों पर अब फार्मासिस्ट सफेद ड्रेस में नजर आएंगे। दवाएं खरीदते समय किसी प्रकार की शंका होने पर मरीज फार्मासिस्ट से परामर्श कर शंका का समाधान कर सकेगा। कौंसिल फार्मासिस्टों को नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए आगामी दिनों में ‘‘सतत फार्मेसी शिक्षा’’ कार्यक्रम संचालित करवाने पर विचार कर रही है। नवीनीकरण करवाने से पहले फार्मासिस्टों को इसमें भाग लेना होगा। इसके लिए प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा जिसे नवीनीकरण के लिए वांछित दस्तावेजों के साथ संलग्न करना होगा। अंतिम निर्णय एक्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।