रायपुर- छत्तीसगढ राज्य में कोडीन आधारित कफ सिरप की बड़ी मात्रा खपाई जा रही है। इसकी बिक्री के गोरखधन्धें में बड़ी फार्मा कम्पनी सहित दवा विक्रेता संलग्न हैं। इन सबके विरू( दो माह से जांच जारी हैं। इस दौरान खुलासे होने पर अब तक प्रदेश की एक बड़ी फार्मा कम्पनी और 100 दवा विक्रेताओं को विभागीय नोटिस जारी हो चुका है। नोटिस में इन्हें आदेश दिए गए हैं कि वह प्रत्येक माह स्टॉक रजिस्टर व लेन-देन सहित खरीद-बिक्री की सम्पूर्ण जानकारी विभाग के पास दाखिल करें। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक जो भी कोडीन कफ सिरप जब्त हुए हैं वह सभी हिमालच प्रदेश में निर्मित होना पाए गए हैं। मौदहापारा में लगभग दो माह पहले पकड़ी गयी एक छोटी खेप के मामले में जांच पड़ताल करते हुए विभागयी दल दुर्ग स्थित चौहान मैडीकल स्टोर व हैल्थ क्योर बॉयोटेक पर दबिश दे चुकी है। यहीं से पूरे राज्य में कोडीन कफ सिरप की सप्लाई होने की जानकारी सामने आयी थी। दोनों संस्थानें पर अधिकारियों को ताला मिला और कनके संचालक फरार है। इनके लाईसेंस रद्द कर दिए गए हैं। जानकारी में आया कि ऐसे सिरप को कम्पनियां प्रदेश के बड़े डीलर को भेजती हैं और फिर वह अन्य डीलर्स के माध्यम से छोटे-बड़े दुकानरों को सप्लाई करते हैं परन्तु ऐसी दवा के जिस बड़े डीलर की जांच की गयी और जो दस्तावेज दिखलाते हुए जिन्हें दवा की सप्लाई करना दर्शाया गया उनके पास दवा पहुंची ही नहीं। यह सबसे बड़ा सन्देह पैदा करता है, इस पर जांच की जा रही है। सहायक औषधि नियंत्रक राजेश क्षत्रीय का कहना है कि यह एक पूरी चेन है जिसके जरिए यह सिरप लोगों को अवैध रूप से मुहैया करवाया जा रहा है, इसे ही एक्सपोज किया जा रहा है। जांच जारी है इसलिए सारी जानकारी नहीं दी जा सकती। चिकित्सकों का कहना है कि यह अधिक मात्रा में सेवन करने पर नशे का काम करता है। यह सैन्ट्रल नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचाता हैं। यह शरीर के अन्य प्रमुख अंगां जैसे किडनी व लीवर को भी नुकसान पहुंचाता है। इसमें कोडीन होने से यह दर्द-निवारक का काम करता है यानि दर्द को मस्तिष्क तक नहीं पहुंचने देता। युवा पीढी को जागरूक करने की भी जरूरत हैं क्योंकि वही इसके सबसे बड़े टारगेट है।