* चिकित्सकीय परामर्श नहीं दे सकेंगे
जयपुर- पैथोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी, बॉयो कैमिस्ट्री से सम्बन्धित जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर के लिए मेडीकल एमएसी-पीएचडी डिग्रीधारी के हस्ताक्षर मान्य होंगे लेकिन यह चिकित्सकीय परामर्श नहीं दे सकेंगें। उक्त आशय का निर्णय पिछले दिनों मैडीकल कौंसिल ऑफ इण्डिया की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पिछले माह आयोजित बैठक में लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में राजपत्रित अधिसूचना जारी की जाएगी इसके पश्चात हस्ताक्षर मान्य होंगे। एमसीआई के नियमानुसार 30 प्रतिशत स्टॉफ एमएसी-पीएचडी डिग्रीधारकों का रखना अनिवार्य है। नैशनल एमएचसी टीचर्स ऐसो. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. श्रीधर राव व महासचिव अर्जुन मैत्रा का कहना है कि सरकार द्वारा वर्ष 2008 में रजिस्टर्ड एमबीबीएस डॉक्टर के हस्ताक्षर मान्य होने का आदेश जारी किया गया था। अब एमसीआई के गवर्नर्स ने मैडीकल एमएससीपीएचडी डिग्रीधारकों को लैब की जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी है। डॉ. रॉव ने बताया कि राज्य सरकारों को क्लीनिक इस्टब्लिशमैन्ट एक्ट के दिशा-निर्देशों में उक्त आशय से सम्बंधित बदलाव करने की मांग की गयी है। एमसीआई निर्देशों में उक्त आशय से सम्बंधित बदलाव करने की मांग की गयी है। एमसीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नसे के सैक्रेट्री जनरल डॉ. आर.के. वत्स ने 3 फरवरी को पत्र जारी किया है