रांची- झारखण्ड राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछले दिनां कहा है कि कई ड्रग इंस्पेक्टर दवा दुकानों, पैथोलॉजी लैब, ब्लड बैंक तथा नर्सिंग होम्स आदि से मासिक कमीशन वसूलते हैं अब ऐसा नहीं चलेगा। वह रांची की सभी दवा दुकानों, पैथोलॉजी लैब्स, ब्लड बैंक, नर्सिंग होम के प्रतिनिधियों के साथ रिम्स सभागार में वन-टू-वन बत करेंगें। इसमें न तो औषधि प्रशासन का अधिकारी होगा और न ही विभाग का कोई अधिकारी होगा। कोई भी खुलकर उनके सामने अपनी समस्या रख सकेगा। कोई उनसे कमीशन ले रहा है या घूस मांग रहा है तो बेहिचक इनकी जानकारी उन्हें दे सकेंगें। पिछले दिनों अपने कार्यालय कक्ष में मीडिया से बात करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि अब किसी दवा दुकानदार को ड्रग इंस्पेक्टर प्रताड़ित नहीं कर सकेंगे लेकिन दवा दुकान संचालकों को भी यह गारन्टी देनी होगी कि वह नशीली दवाएं नहीं बचेंगे तथा नियम व तय मानकों के अनुसार ही दवा की बिक्री करेंगे। यदि इसकी शिकायत मिलती है तो दवा दुकानों पर केस भी करेंगे और जेल भी भेजेंगे। मंत्री महोदय ने चिकित्सकों की सुरक्षा व सम्मान को सुनिश्चित करने का आश्वासन देते हुए कहा कि डॉक्टर्स पर हमला, उनसे रंगदारी मांगना, उन्हें प्रताड़ित करना सरकार पर हमला माना जाएगा। ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्यवाही होगी। उन्होंने चिकित्सकों की मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग पर भी विचार करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि रिम्स के डॉक्टर्स कई तरह से प्राईवेट प्रैक्टिस करते हैं लेकिन वह इनकी भी समीक्षा करेंगें कि वह ऐसा क्यों करते हैं। उन्होंने चिकित्सकों से रिम्स को अपनी संस्था मानकर मरीजों का इलाज करने की अपील करते हुए सांकेतिक रूप से उन्हें चेतावनी भी दी कि आटे में नमक अधिक हुआ तो यह बर्दाश्त नहीं होगा। वह शीघ्र ही रिम्स के जूनियर व सीनियर डॉक्टर्स के अलावा नर्सिंग व अन्य पैरा मैडीकल स्टाफ से भी वन-टू-वन बात करेंगें। उन्होंने कहा कि कुछ सिविल सर्जन व चिकित्सक मरीजों के हित में अच्छा काम कर रहे हैं। उन्हें च्वाइस पोसि्ंटग दी जाएगी और ऐसे चिकित्सकों को इन्सेंटिव के साथ सम्मानित भी किया जाएगा। मंत्री महोदय द्वारा निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को जारी किए गए कारण बताओं नोटिसों से सम्बंधित फाइल तलब की है। वह देखना चाहते हैं कि उनके अधिकारी स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कितने संवेदनशील हैं। सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ऐसी कितनी कार्यवाहियां हुई? आयुष्मान भारत योजना के तहत कई निजी अस्पतालों को कारण बताओं नोटिस जारी हुआ है।