जयपुर- मूल्य नियंत्रण के दायरे में आयी दवाओं के निर्धारित किए गए मूल्यों की अवहेलनाएं करते हुए दवा उत्पादों को अधिक कीमत पर बिक्री करने वाली कम्पनियों पर नियंत्रण लगाने के लिए राजस्थान औषधि नियंत्रण विभाग ने चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग के अनुमोदन से स्टेट प्राईज मॉनिटरिंग एण्ड रिसोर्स यूनिट (पीएमआरयू) सोसायटी का गठन किया है। यह जयपुर में राजस्थान औषधि नियंत्रण विभाग के मुख्यालय में ड्रग प्राईज सीलिंग वायलेशन सैल की औपचारिक स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त करेगा ताकि राज्य के सभी 33 जिलों में दवाओं के मूल्यों को नियमित किया जा सके। राज्य के औषधि नियंत्रक राजा राम शर्मा ने बताया कि सोसायटी का गठन करने के अलावा ड्रग प्राईज कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) 2013 के विनियमों तथा इसकी अवहेलनाओं पर की जाने वाली कार्यवाही पर हमने औषधि निरीक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है सहायक औषधि नियंत्रक मनोज टोंगरा ने कहा कि यह प्रशिक्षण भी दिया गया है कि डीपीसीओ के तहत आने वाली तथा डीपीसीओ से बाहर रही दवाओं का बाजार में सैम्पल सर्वे किस प्रकार संचालित किया जाए। इसके अलावा औषधि निरीक्षकों को अधिक वसूली गयी राशि को वसूलने के लिए अनुपालन में लायी लाने वाली औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिए तकनीकि रूप से सुसज्जित किया गया है। हाल ही में गुजरात खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा ऐसी ही स्थापना की गयी है। 01 अक्टूबर 2019 से वहां राज्य के 33 जिलों में फार्मा कम्पनियां द्वारा मूल्यों की अवहेलनाओं की ट्रेकिंग की जा रही है। देश में पहली बार गुजरात एफडीसीए द्वारा फार्म डी योग्यताधारी को प्रोजेक्ट कॉ-आर्डिनेटर के रूप में नियुक्त किया गया है। मूल्यों की अवहलेनाआें की जांच के लिए तीन फील्ड इन्वेस्टीगेटर्स द्वारा प्रोजेक्ट-कॉ-ऑर्डिनेटर की सहायता की जाएगी। इसके लिए एक इन्फोरेमेशन टैक्नॉलाजी सैट-अप स्थापित किया गया है। अभी तक पीएमआरयू नौ राज्यों राजस्थान, गुजरात, केरल, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, नागालैण्ड, त्रिपुरा तथा उत्तर प्रदेश में स्थापित किया गया है।