हिसार- हरियाणा के हिसार में नशीली दवाओं की बिना रिकॉर्ड खरीद-फरोख्त करने की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों द्वारा मैडीकल स्टोर पर छापा मारा गया। जांच में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं पाए जाने पर विभाग द्वारा मैडीकल स्टोर का लाईसेंस निलम्बित कर दिया गया था। हालांकि नियमानुसार लाईसेंस निलम्बित होने पर दवा विक्रेता अपनी दुकान तो खोल सकता है परन्तु दवाओं की खरीद-बिक्री का कार्य नहीं कर सकता। परन्तु वकीलान बाजार में स्थित एक मैडीकल स्टोर का लाईसेंस पिछले दिनों विभाग द्वारा निलम्बित कर दिया गया था। प्रारम्भ में कुछ दिन तो दुकान बन्द रही परन्तु बाद में दवा दुकान संचालक द्वारा दुकान खोल कर दवाओं की खरीद-फरोख्त का कार्य भी जारी रखा गया। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विभागयी अधिकारियों तक मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विभागीय अधिकारियों तक मामला पहुंचा तो चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि केमिस्ट द्वारा नियमों को ठेंगा दिखाने का उन्हें पहले से पता था। इसके बावजूद विभाग द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। जब स्थानीय मीडिया कर्मियों ने फोन पर अधिकारियों से सवाल-जवाब किया तो उसके आगामी दिन ही केमिस्ट द्वारा दुकान का शटर डाऊन कर दिया गया। ऐसे में अन्देशा है कि लाईसेंस निलम्बिन काल में दवाओं की खरीद-फरोख्त का रिकार्ड गोलमाल हो सकता है। वरिष्ठ ड्रग कंट्रोलर डॉ. रमण श्योरान का कहना है कि लाईसेंस सस्पेन्ड होने के बाद कोई भी केमिस्ट दुकान खोल कर दवाओं की खरीद-बिक्री करता है तो वह गलत है। यह मामला स्पष्ट बताता है कि शिकायत पर कार्यवाही होती है और अनियममिताओं पर लाईसेंस सस्पेण्ड हो जाने के बावजूद दुकानों से दवाओं की खरीद-बिक्री का कार्य संचालित होता रहता है। निलम्बन केवल औपचारिकता बन कर रह जाता है।