सीएमएचओ व स्टोर इंचार्ज का एक-दूसरे पर आरोप
सबलगढ- मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के अन्तर्गत आते सबलगढ सिविल अस्पताल में वर्षों पुरानी एकमात्र सादा एक्स-रे मशीन है लेकिन सीएमएचओ स्टोर के इंचार्ज फार्मासिस्ट ने 80 डिजिटल एक्स-रे फिल्म सबलगढ सिविल अस्पताल को सप्लाई करना दर्शा कर स्टोर से गायब कर दी जिनकी कीमत लगभग 4 लाख रूपए है। 50 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल को 5 हजार बैडशीट जारी करना दर्शा कर स्टोर से गायब करवा दी गयी। जब इस सम्बन्ध में सबलगढ बीएमओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास तो केवल 200 बैडशीट हैं वह भी लगभग दो माह पहले प्रारम्भ हुई 50 बिस्तर क्षमता की नयी बिलि्ंडग शुरू होने के बाद आयी हैं। यह तो केवल एक उदाहरण है, एजीथ्रोमाइसिन, अमॉक्सिसीलिन जैसी लाखों रूपए कीमत की एण्टी-बॉयोटिक व अन्य दवाएं भी जिले के सरकारी स्टोर से सबलगढ अस्पताल को आपूर्ति करना दर्शाकर गायब कर दी गयी। जो दवाएं सप्लाई करना दर्शाया गया वह दवाएं पिछले एक वर्ष से सबलगढ के अस्पताल में पहुंची ही नहीं। कुल मिलाकर लगभग 50 लाख रूपए से अधिक कीमत की दवाएं, बैड शीट, डिजिटल एक्स-रे फिल्म, ग्लब्स, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप आदि स्टोर से उड़ा ली गयी। इस पूरे मामले में पूर्व सीएमएचओ डॉ. विनोद गुप्ता तथा निवर्तमान स्टोर इंचार्ज लोकेन्द्र कुशवाहा ;फार्मासिस्ट-2द्ध एक दूसरे पर गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। जब इस घपले की पोल खुली तो सीएमएचओ ने कहा स्टोर में चोरी का पता लगा था, इस पर स्टोर इंचार्ज को हटा दिया। न तो किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गयी, न ही किसी के खिलाफ निलम्बन आदि की कोई कार्यवाही हुई। निवर्तमान स्टोर इंचार्ज लोकेन्द्र कुशवाहा का कहना है कि मैं तो केवल स्टोर इंचार्ज था। सिविल हॉस्पीटल से जो डिमांड आयी उसी के आधार पर सप्लाई की गयी। दवाइयां, बैडशीट, डिजिटल एक्स-रे फिल्म आदि खरीद कर सप्लाई करने का ऑर्डर तो सीएमएचओ ही जारी करते हैं। मुझे तो इस षडयंत्र में फंसाया जा रहा है। बीएमओ का कहना है हमने कभी ऐसी डिमांड भेजी ही नहीं। दरअसल राज्य सरकार द्वारा जिला अस्पताल के माध्यम से सबलगढ-अम्बाह सिविल हॉस्पीटल सहित स्वास्थ्य केन्द्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजां के उपचार में उपयोग होने वाली लाखों रूपए की दवाइयां व अन्य सामग्री भेजी जाती है। जब भी क्षेत्र के अस्पताल में ऑनलाइन डिमांड आती है उसके एवज में दवाइयां व अन्य सामग्री जारी कर दी जाती है। स्टोर इंचार्ज कुशवाह सबलगढ में पदस्थ था, वहां से बीएमओ का लॉग-इन-पासवर्ड उसके पास था। उसने खुद ही जिला अस्पताल में डिमांड भेज दी और उसके एवज में दवाइयां व सामग्री जारी कर दी। वास्तविकता में वह सब बाजार पहुंचा दी गयी। गायब हुई दवाओं व अन्य सामग्री की संख्या व अनुमानित कीमत इस प्रकार है- 5082 रूपए दर की 80 डिजिटल एक्स-रे फिल्म ;406560/-रू.द्ध, ग्लब्स 5000 ;7.38 की दर से 36900/-रू.द्ध, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप 11.85 की दर के 20010$50000 ;237118$592500/-रू.द्ध ग्लूको मीटर स्ट्रिप 197.50 की दर के 12190$9800$18000 ;48150$38710$71100 /-रू.द्ध, 124.30 रू. की दर वाले एक हजार मलेरिया टैस्ट कार्ड ;कीमत 124300 /-रू.द्ध, 28.95 की दर वाले 9588 टायफायड टैस्ट कार्ड ;कीमत 277527/-रू.द्ध, एजीथ्रोमाइसिन 2200$ 34300$4900$35100 ;कीमत 4610$71879$20755$148676/-रू.द्ध सेफिक्सिम 50 हजार ;कीमत 115790/-रू.द्ध, अमॉक्सिसीलिन 3000$ 69000 ;कीमत 3627$83441/-रू.द्ध, 135 रू. दर वाली रैबीज वैक्सीन 1154$ 1346 ;कीमत 156136$182113 /-रू.द्ध बैड शीट 5 हजार, उक्त सब गायब कर दिया गया है।