* पुलिस के निशाने पर झोलाछाप
आगरा- हालांकि केन्द्र सरकार ने विशेष अभियान चलाते हुए देश से टी.बी. का सफाया करने की कोशिश प्रारम्भ की हैं इसके लिए जहां मुफ्त उपचार एवं जांच की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है वहीं टी.बी. रोगी का एक भी मरीज छूटने न पाए इसे सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कानूनी प्रावधान भी बनाए हैं। यदि कोई दवा विक्रेता टी.बी. उपचार में प्रयुक्त होने वाली दवाओं की बिक्री करता है तो दवाओं की खरीद-बिक्री के समस्त विवरण के साथ-साथ रोगी का नाम, पता, मोबाइल नं., उसके उपचार करने वाले डॉक्टर का नाम आदि का विवरण न केवल अपने पास रखेगा बल्कि इसकी सूचना प्रत्येक माह सम्बधित अधिकारी के पास भी दाखिल करवाएगा यह अनिवार्य बनाया गया है परन्तु सरकार के मकसद को झोलाछाप धता बता रहे हैं। आगरा (यू.पी.) में मामला सामने आया है कि सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चों को उपचार के लिए पुड़िया बना कर टी.बी. की दवा दी जा रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यू बी सिंह ने पिछले दिनों झोलाछाप ए के सरकार नामक चिकित्सक के नगला लटूर सिह, देवरी रोड पर संचालित क्लीनिक पर छापा मारा। जांच-पड़ताल में उजागर हुआ कि झोलाछाप टी.बी. की दवा आरसीनेक्स सहित अन्य दवाएं पीस कर उसकी पुड़िया बना कर सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चों को उपचार के लिए देता है। क्लीनिक के बगल में संचालित हो रहे नवजीवन मैडीकल स्टोर के संचालक धर्मेन्द्र पाल से जब छापा मार दल के अधिकारियां ने टी.बी. की दवाओं का लेखा-जोखा दिखलाने को कहा तो वह लेखा-जोखा का रजिस्टर प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सिंह ने गजट अधिनियम-269, 270 के तहत झोलाछाप व मैडीकल स्टोर संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए एसएसपी को पोस्ट से तहरीर भेजी है। सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि टीम को भेज कर छोपाछाप का क्लीनिक सील कराया जाएगा। मैडीकल स्टोर संचालक पर भी मुकदमा दर्ज होगा। औषधि विभाग की टीम द्वारा मैडीकल स्टोर के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पहले भी छापेमारी में सर्दी-जुकाम से पीड़ित मरीजों की जांच कराए बिना ही 10 से 15 दिन के लिए टी.बी. की दवाएं देते झोलाछाप पकड़े जा चुके हैं। इनकी कारगुजारियों से टी.बी. घातक रूप ले रही है। सरकार की योजना को धता बता रहे हैं।

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