* सन्देह की स्थिति में प्रति माह छह नमूने लेने के निर्देश
हनुमानगढ़- राज्य में नशे की दवाओं के बढते दुरूपयोग पर अंकुश लगाने, नकली दवाओं के प्रचलन पर प्रभावी नियंत्रण लगाने एवं औषधि नियंत्रण अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए विभाग की ओर से गाइड लाईन जारी की गयी है। इस गाइड लाईन के अन्तर्गत प्रत्येक औषधि नियंत्रण अधिकारी (डीसीओ) को प्रत्येक माह कम से कम 20 मैडीकल स्टोर्स का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करना होगा। इसका उद्देश्य अनाधिकृत व्यक्ति की ओर से दवा के कारोबार पर निगरानी रखना तथा आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उचित मूल्यों पर उपलब्ध करवाना है। गाइड लाईन के अनुसार निरीक्षण के दौरान औषधि नियंत्रण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगें कि दवा विक्रेता द्वारा लाईसेंस की शर्तों का पालन किया जा रहा है। सम्बंधित दुकान पर ड्रग लाईसेंस अनिवार्य रूप से ऐसी जगह प्रदर्शित किया हो जहां से दुकान पर आने वाले व्यक्ति को आसानी से नजर आए और पढा जा सके ताकि उपभोक्ता जान सकें कि दुकान पर जो फार्मासिस्ट कार्यरत है उसकी के द्वारा दवा बिक्री की जा रही है या नहीं। डीसीओ को अपने आवंटित क्षेत्र में दवा विक्रेताओं के अलावा भंडार गृह, दवाओं को लाने व ले जाने के काम आने वाले वाहनों की भी जांच करने को कहा गया है। यदि किसी फर्म का लाईसेंस निलम्बित हुआ है तो निलम्बन अवधि में सम्बन्धित दवा दुकान से दवाओं की खरीद-बिक्री न हो सके इसे सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण कर सहायक औषधि नियंत्रण को रिपोर्ट करेंगें और अवहेलना कर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगें। प्रत्येक डीसीओ सन्देह की स्थिति में प्रति माह छह नमूने लेंगे जिन में एक इंजेक्टेबल नमूना हो। इन में दो नमूने सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निःशुल्क वितरण वाली दवाओं के लेंगें। होम्योपैथिक दवा तथा कॉस्मेटिक उत्पादों का एक-एम नमूना प्रत्येक छह माह में लिया जाएगा। गाईड लाईन के अनुसार पाया गया है कि अधिकारी अधिकांश तौर पर ब्रांडेड दवाओं के सैम्पल लेते हैं जिनके अवमानक होने की सम्भावना कम होती है। ऐसा वह नमूने के अवमानक घोषित होने पर कोर्ट केसेस से बचने के दृष्टिकोण से करते हैं लेकिन अब ऐसास नहीं होगा, अब कम कीमत पर तथा डिस्कांऊट या स्कीम पर बिक्री होने वाली दवाओं के भी सैम्पल लेने के निर्देश दिए गए हैं। हनुमानगढ़ जिले में 1500 से अधिक दवा दुकानें संचालित हो रही है। पोस्त पर प्रतिबंध के बाद नशीली दवाओं का अवैध कारोबार बढा है। नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही से इस काले धन्धें से जुड़े लोगां की गिरफ्तारी से जिला जेल छोटी पड़ने लगी है। औषधि विभाग ने प्रभावी नियंत्रण के लिए निर्देश जारी किए हैं।