रायपुर– छत्तीसगढ़ के रायपुर में दवा दुकान की आड़ में तस्करों से डेढ करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले फरार दवा दुकान संचालकों अजय चौहान तथा अतिसोर कुमार की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीमें आस-पास के राज्यों में रवाना की गयी हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद तस्करों के गिरोह का भण्डाफोड़ होने की उम्मीद है। दरअसल कोतवाली सीएसपी देवचरण पटेल के नेतृत्व में औषधि नियंत्रण विभाग और मौहदापारा पुलिस टीम ने 06 दिसम्बर को तस्करों को पहुंचाई जा रही नशीली दवाओं के स्त्रोत का भण्डाफोड़ किया था और राजेश अग्रवाल नामक व्यक्ति की टाटीबंध स्थित तिरूपति फार्मा से पचास पेटी कोडीन आधारित कफ सिरप आर सी की बोतलें बरामद की थी। बरामद 7200 बोतलों की कीमत 8.64 लाख रूपए आंकी गयी थी। इस मामले में दुर्ग जिले के अमलेश्वर स्थित कोर हेल्थ बायोटेक के संचालक अतिसोर कुमार, भिलाई स्थित चौहान मैडीकल स्टोर्स के संचालक अजय चौहान की भूमिका नशीली दवाओं की तस्करी में पायी गयी थी। तिरूपति फार्मा टाटीबन्ध द्वारा एक महीने की अवधि में उक्त दोनों दवा दुकानों के नाम पर एक लाख कफ सिरप की सप्लाई की गयी थी। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों दवा दुकान संचालकों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। छापामारी की भनक पाकर दोनों फरार हो गए। हालांकि राजेश अग्रवाल ;तिरूपति फार्माद्ध द्वारा दवा सप्लाई के पूरे दस्तावेज पुलिस को दिए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि समूचे राज्य में चौहान मैडीकल स्टोर्स तथा कोर बॉयो हैल्थ केयर को ही सबसे अधिक प्रतिबंधित कफ सिरप की बड़ी खेप सप्लाई की गयी है जबकि कोर हैल्थ केयर का शटर छह महीने से बंद पाया गया। दुकान की तलाशी लेने पर अन्य दवाओं का नाम मात्र का स्टॉक मिलना दर्शाता है कि दवाओं की खरीद-फरोख्त में बड़ा खेल चल रहा है। दुकान में अन्य प्रकार की दवाओं की खरीद-बिक्री की इन्ट्री नहीं मिली। ऐसे में सप्लायर राजेश अग्रवाल की भूमिका भी जांच के घेरे में है। आखिर इन्हें इतनी भारी मात्रा में नशीली दवाओं की आपूर्ति क्यों दी गयी?