दिल की बीमारियों से दुनिया भर में प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इन में से लगभग 80 प्रतिशत गरीब व मध्यम आय वर्ग देशों के हैं। इन देशों में मोटापा, डायबिटीज, तम्बाकू के उपयोग और निष्क्रिय जीवनशैली से ऐसी बीमारियों का खतरा बढता जा रहा है। दिल के दौरे रोकने के लिए एक सस्ती जेनेरिक दवा का आइडिया लगभग ढेढ दशक पहले प्रस्तावित किया गया था लेकिन उस समय इसक बहुत कम परीक्षण हुआ था। अब नए अध्ययन से पता चला है कि जो लोग यह गोलियां रोज लेते हैं उनमें दिल के दौरे की दर आधे से भी कम हो गयी है। ऐसे ही परिणामों का पता लगाने के लिए भारत सहित कुछ अन्य देशों में ऐसे अध्ययन चल रहे हैं। यदि यह सफल रहे तो पोलीपिल्स नामक कई दवाओं का मिश्रण गरीब देशों में बुजुर्गों को दिल के दौरे और दिमाग के स्ट्रोक से लड़ने के लिए सस्ता विकल्प उपलब्ध करवाएगा। यह अध्ययन इरान में 50 से 75 वर्ष आयु के 6800 ग्रामीणों पर किया गया है। ब्लड प्रेशर की दो गोलियों, कोलेस्ट्रॉल घटाने की स्टेटिन और एस्प्रिन की कम मात्रा को मिला कर नयी दवा बनायी गयी है। लैसेंट में प्रकाशित पोलीइरान नामक स्टडी 14 वर्ष पहले सामने आयी थी। तेहरान यूनिवर्सिटी, बर्मिघम यूनिवर्सिटी ब्रिटेन और कुछ अन्य संस्थानों ने यह स्टडी की है। मैक मास्टर यूनिवर्सिटी, कनाडा में जनसंख्या स्वास्थ्य रिसर्च इंस्टीटयूट के डायरेक्टर डॉ. सलीम यूसुफ का कहना है कि आश्चर्य है कि इसे स्वीकार करने में लम्बा समय लग रहा है। अलग-अलग जगह चल रही स्टडी में दूसरी दवाएं अजमाई गयी हैं। डॉ. यूसुफ बांग्लादेश, कनाड़ा, कोलम्बिया, भारत, मलेशिया, फिलिपीन्स, तंजानिया और ट्यूनिशिया में 5700 लोगों पर चल रहे टिप्स 3 ट्रायल की अगुवाई कर रहे हैं। स्टडी में ब्लड प्रेशर की तीन दवाओं और एक स्टेटिन का उपयोग किया है। इस स्टडी के मार्च 2020 में पूरा होने की सम्भावना है।

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